Twitter-Musk Deal: ट्विटर से बाहर की गईं ‘गाड्डे’ को मांगनी पड़ी थी माफी, ट्रंप का खाता बैन करने में थी भूमिका

 Twitter-Musk Deal: हैदराबाद में पैदा हुईं गाड्डे ट्विटर के उन प्रमुख लोगों में शामिल थीं जिन्होंने मिलकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर खाते को बैन करने का फैसला लिया था। गाड्डे

भारत से जुड़े एक संवेदनशील मामले में फजीहत होने के बाद सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांग चुकी हैं। यह मामला वर्ष 2018 का है।



दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने ट्विटर की कमान संभालते ही माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के सीईओ पराग अग्रवाल, सीएफओ नेड सेगल और पॉलिसी हेड व चीफ लीगल ऑफिसर विजया गाड्डे को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मस्क का यह फैसला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। मस्क ने जिन लोगों को ट्विटर से बाहर निकालने का फैसला लिया है, उनमें शामिल विजया गाड्डे पूर्व में भी कई कारणों से विवादों में रही हैं। पूर्व में भारत से जुड़े एक संवेदनशील मामले में उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी पड़ी थी।
ट्रंप का खाता बैन करने के पीछे थादिमाग विजया गाड्डे का

हैदराबाद में पैदा हुईं गाड्डे ट्विटर के उन प्रमुख लोगों की टीम में शामिल थीं जिन्होंने मिलकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर खाते को बैन करने का फैसला लिया था। गाड्डे
भारत से जुड़े एक संवेदनशील मामले में फजीहत होने के बाद सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांग चुकी हैं। यह मामला वर्ष 2018 का है।

गाड्डे और जैक डोर्सी की भारत यात्रा के दौरान हुआ था यह विवाद

दरअसल उस समय ट्विटर के सीईओ रहे जैक डाेर्सी अपनी भारत यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में एक प्लेकार्ड लिए दिखे थे जिसपर ‘Smash Brahmanical Patriarchy’ (ब्राह्मणवाद समाप्त करो) लिखा था। इसके बाद इस मामले ने तुल पकड़ लिया था और इस प्रकरण के लिए विजया गाड्डे को ही जिम्मेदार माना गया था।


विवाद बढ़ने पर सार्वजनिक तौर पर मांगनी पड़ी थी माफी
विवाद बढ़ने पर गाड्डे ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर माफी मांगते हुए कहा था कि मुझे इस प्रकरण पर खेद है। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा था कि हमें उपहार के तौर पर एक तस्वीर मिली थी, पर उसपर लिखी बात हमारे विचारों से मेल नहीं खाते हैं। ट्विटर बिना भेदभाव के सबको सुविधा मुहैया कराने वाला प्लेटफाॅर्म है।

बोर्ड मीटिंग में फूट-फूट कर रोईं थीं गाड्डे




मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस साल अप्रैल में गाड्डे ट्विटर बोर्ड की एक बैठक के दौरान इस डर से भावुक हो गईं थीं कि अधिग्रहण के बाद एलन मस्क ट्विटर के संचालन के तरीके को बदल सकते हैं। समाचार एजेंसी द हिल के वरिष्ठ संपादक और रूढ़िवादी टिप्पणीकार सागर एनजेटी ने पोलिटिको के एक लेख को ट्वीट किया था जिसमें बताया गया था कि एलन मस्क के ट्विटर अधिग्रहण के मसले पर ट्विटर कर्मचारियों के साथ चर्चा करते हुए गाड्डे फूट-फूट कर रो पड़ी थीं। गाड्डे हटाने के फैसले के लिए लोग मस्क की करने लगे तारीफ
एलन मस्क के ट्विटर की टॉप लीडरशिप टीम में शामिल गाड्डे को बाहर करने के फैसले को सोशल मीडिया पर कई लोग सही ठहराकर उनकी तारीफ कर रहे हैं। आशुतोष जे. दुबे नाम के एक अधिवक्ता ने गाड्डे को हटाने की खबर सामने आने के बाद ट्वीट किया है कि गाड्डे ही वह महिला थीं जिन्होंने जेएनयू कार्यकर्ताओं की तत्कालीन सीईओ जैक डॉर्सी के साथ मीटिंग तय करायी थी। एक धर्म विशेष से जुड़े खातों को बैन करने और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ट्विटर पर प्रतिबंधित करने के पीछे भी उनका ही दिमाग था। ऐसे में मस्क को उन्हें ट्विटर से बाहर करने और आधिकारिक तौर पर ट्विटर का अधिग्रहण करने के लिए बधाई।


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